नई दिल्लीः हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल के माघ महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है, जिसे बसंत पंचमी कहा जाता है. यह दिन साल के कुछ खास दिनों मे से एक माना जाता है, वहीं कुछ लोग इसे "अबूझ मुहूर्त" भी कहते हैं. पौराणिक मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में विद्या और बुद्धि का योग नहीं होता है वह लोग वसंत पंचमी को मां सरस्वती की पूजा करके उस योग को ठीक कर सकते हैं. इसी साल पूरे भारत में वसंत पंचमी 10 फरवरी को मनाई जाएगी. ऐसे में बात जब भी माता सरस्वती की पूजा की होती है तो उनकी वंदना बिना संगीत और आरती के संभव नहीं है, इसलिए जिन लोगों को मां सरस्वती की कोई भी वंदना या गाना नहीं आता, उनके लिए आज हम यहां माता सरस्वती के लोकप्रिय वंदना, गीत और श्लोक दे रहे हैं जिन्हें आप पूजा के दौरान पढ़ सकते हैं.
सरस्वती पूजा तिथि
बता दें इस बार पंचमी तिथि 9 और 10 दो दिन होने के कारण कई लोगों में भ्रम की स्थिति है कि पंचमी 9 को है या 10 को, तो बता दें इस बार बसंत पंचमी का पर्व 10 फरवरी को मनाया जाएगा. क्योंकि पंचमी तिथि का सूर्योदय 10 फरवरी को होगा और देश के अधिकांश हिस्सों में कोई भी तिथि उदया की मानी जाती है. इसलिए इस बार बसंत पंचमी 10 फरवरी को मनाई जाएगी.
सरस्वती पूजा के वक्त इन बातों का रखें ध्यान
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करते वक्त पीले या फिर सफेद कपड़े पहनने चाहिए.
ध्यान रहे कि काले और लाल कपड़े पहनकर मां सरस्वती की पूजा ना करें.
वसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके करनी चाहिए.
मान्यता है कि मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले फूल बेहद पंसद है इसलिए उनकी पूजा के वक्त इन्हीं का इस्तेमाल करें.
पूजा के दौरान प्रसाद में दही, लावा, मीठी खीर अर्पित करनी चाहिए.
पूजा के दौरान माँ सरस्वती के मूल मंत्र "ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः" का जाप करें. |